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1971 से स्थापित


शर्मा डेयरी भारत के मध्य प्रदेश के गाडरवारा शहर में एक प्रसिद्ध डेयरी फार्म है। समाज को शुद्ध एवं ताजे दूध की उपयोगिता बताने और दूध के व्यवसाय को एक नई दिशा देने के लिए शर्मा डेयरी सालों से प्रतिबद्ध है। हमारा मूल लक्ष्य जन-जन तक शुद्ध दूध पहुंचाना है। ग्राहकों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने के अलावा हम मवेशियों एवं पर्यावरण का भी बखूबी ध्यान रखते हैं। यह डेयरी सभी आधुनिक सुविधाओं से लेस है जो एक आदर्श मॉडल डेयरी के सभी पैमानों पर खरा उतरने में पूरी तरह से कामयाब है।


हमारे पास आज उच्च नस्ल की लगभग 400 गाय एवं भैस उपलब्ध है, जो शहर के 2000 से अधिक परिवारों को शुद्ध दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद उपलब्ध करा रही है। इस डेयरी का संचालन पूर्णतः आधुनिक तरीके से किया जाता है।


  • प्रत्येक गाय व भैंस की टैगिंग की गई है, जिसके कोड नंबर के साथ उसकी उम्र, वेक्सीनेशन दिनांक, फीडिंग, प्रोडक्शन रिकॉर्ड, प्रजनन, बीमारी एवं उपचार आदि का पूरा रिकॉर्ड कम्प्यूटराइज़ड तरीके से रखा जाता है।
  • गाय-भैंस की अच्छी नस्ल के लिए उनका गर्भाधारण भी डेयरी में ही किया जाता है। यह गर्भाधारण विशेष पशु चिकित्सकों की देख-रेख में किया जाता है।
  • डेयरी के सभी ग्राहकों को मेम्बरशिप कार्ड उपलब्ध कराये जाते हैं,जिससे उनके द्वारा खरीदे गए दूध एवं अन्य उत्पादों का सम्पूर्ण लेन-देन एक मोबाइल एप्लीकेशन की मदद से ग्राहकों को उनके मोबाइल फ़ोन में ही उपलब्ध हो जाता है।
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  • डेयरी में दूध का सुरक्षित संग्रह करने के लिए 500 एवं 1000 लीटर क्षमता वाले बल्क मिल्क कूलर लगे हुए हैं।
  • डेयरी में मौजूद पशुओं के लिए ताज़ा चारा एवं पशु-आहार डेयरी के प्रांगण में ही तैयार किया जाता है। हरे चारे के अंतर्गत बरसीम, ज्वार, बाजरा, मक्का, एम पी चरी, जौ, नेपियर घास आदि की फसल जैविक पद्धति के द्वारा तैयार की जाती है, जिससे पशुओं के दूध में प्रोटीन एवं फाइबर अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है।
  • पशु-आहार के अंतर्गत कई प्रकार के विभिन्न पोषक तत्वों एवं अनाजों (दलहन एवं तिलहन) का प्रयोग किया जाता है जिनमें मुख्यतः चना चुनी, अरहर चुनी, मक्का दलिया, चोकर, राइस पोलिश, चना छिलका आदि होते हैं, जो पशु के शरीर एवं दूध में समुचित मात्रा में कार्बोहइड्रेट उपलब्ध कराते हैं।

संतोष कुमार शर्मा

शर्मा डेयरी के संस्थापक


नमस्कार दोस्तों,

मैं संतोष कुमार शर्मा, शर्मा डेयरी का संस्थापक; अपने सभी ग्राहकों का तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ एवं धन्यवाद देता हूँ कि आपके भरोसे और विश्वास की बदौलत ही शर्मा डेयरी की पहचान आज शुद्ध दूध वालों के नाम से मशहूर है।

दूध का यह कारोबार मैंने आज से लगभग 47 साल पहले 1970 के दशक में 14 साल की उम्र में छोटे भाई स्वर्गीय रामगोपाल जी के साथ अपने गांव दिघौरी से शुरु किया था। 2 गाय और 1 भैंस से दूध निकालकर मैं साइकिल से 6 किलोमीटर दूर गाडरवारा शहर दूध बेचने आया करता था। सर्दी-गर्मी या बरसात कैसा भी मौसम क्यों ना हो हर समस्या को पार कर मैं अपने ग्राहकों तक दूध पहुंचाता था। यहां तक कि कई बार बारिश के दिनों में नदी पार करके भी मैं दूध बेचने जाया करता था। करीब 17 साल तक गांव से काम करने के बाद गाडरवारा में डेयरी की स्थापना की।

ग्राहकों के सामने ही दूध दुहकर और लेक्टोमीटर (दूध की शुद्धता मापने का यंत्र) से दूध की शुद्धता मापकर मैंने दूध बेचना शुरु किया। इससे ग्राहकों का शर्मा डेयरी पर विश्वास बढ़ा और दूध की मांग व खपत बढ़ती चली गई। आज इतने सालों बाद भी समाज में शर्मा डेयरी की पहचान एक शुद्ध दूध बेचने वाले के रूप में बनी हुई है। आज मेरा समस्त परिवार मेरी सालों की मेहनत, नाम और समाज में बनी शर्मा डेयरी की छवि को उसी रूप में बनाए रखकर डेयरी व्यवसाय में एक नई दिशा प्रदान कर रहा हैं। शर्मा डेयरी की पहचान हमेशा इसी शुद्धता के लिए बनी रहे। आप सभी को शुद्ध दूध और दूध से बने उत्पाद उपलब्ध करने में हम सदैव तत्पर हैं।

सामाजिक गतिविधि

निःशुल्क परामर्श


डेयरी व्यवसाय में अपने अभूतपूर्व अनुभव के चलते गाँव एवं दूर-दराज के शहरों से किसान डेयरी व्यवसाय खोलने के लिए सुझाव और परामर्श के लिए हमारे पास आते हैं, जहाँ पर उन्हें पशुओं की देखरेख, खान-पान, दवाइयां, बीमारियाँ तथा दुध दोहने से लेकर अन्य प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई जाती हैं। जहां अन्य जगह परामर्श शुल्क लिया जाता है, शर्मा डेयरी द्वारा यह सामाजिक कार्य निःशुल्क एवं पूर्ण उत्सुकता के साथ किया जाता है जिससे युवा पीढ़ी स्व-रोजगार से जुड़े एवं राष्ट्र का संपूर्ण विकास हो सके|